चक्रीय चतुर्भुज किसे कहते है, परिभाषा, विकर्ण, क्षेत्रफल का सूत्र:- चक्रीय चतुर्भुज एक ऐसा चतुर्भुज होता है जिसके शीर्ष बिंदु एक वृत पर स्थित होते हैं. Chakriya Chaturbhuj से बहुत ही अच्छे प्रश्न निर्मित होते हैं जो की विद्यार्थियों के कक्षा 9 तथा 10 के परिक्षावों में पूछे जाते हैं. साथ ही UPTET, CTET, TET तथा अन्य सरकारी परिक्षावों की तैयारी कर रहे विद्यार्थियों के एग्जाम में भी Cyclic Quadilateral पर आधारित प्रश्न पूछे जाते हैं.
आज के इस पोस्ट में चक्रीय चतुर्भुज से सम्बंधित बेसिक जानकारियों को साझा करने वाले हैं. जैसे की चक्रीय चतुर्भुज किसे कहते है, इसके क्षेत्रफल का सूत्र, चित्र, गुणधर्म, विकर्ण, सम्मुख कोणों में सम्बन्ध तथा परिभाषा क्या है. अतः एक चक्रीय चतुर्भुज से सम्बंधित मूल जानकारियों को जानने के लिए लेख को अंत तक पढ़ें.
समलम्ब चतुर्भुज क्षेत्रफल सूत्र
Table of Contents
चक्रीय चतुर्भुज सम्मुख कोण, विकर्ण, परिभाषा, गुण, उदाहरण
Definition of cyclic quadrilateral in Hindi:- चक्रीय चतुर्भुज को निम्नलिखित तरीकों द्वारा परिभाषित कर सकते है, ” किसी भी वृत पर स्थिति किन्ही चार बिन्दुवों को आपस में मिलाने पर जो चतुर्भुज निर्मित होता है, उसे चक्रीय चतुर्भुज (Chakriya Chaturbhuj) कहते हैं.”
या
” ऐसा चतुर्भुज जिसकी चारो शीर्ष बिंदु एक एक वृत पर स्थित होते हैं, उसे चक्रीय चतुर्भुज कहते हैं. वृत पर स्थित सभी बिंदु चक्रीय बिंदु कहलाते हैं.”
वर्ग का क्षेत्रफल का सूत्र | आयत का क्षेत्रफल का फार्मूला |
सम चतुर्भुज का फार्मूला गुणधर्म | बेलन का आयतन |
समबाहु त्रिभुज का क्षेत्रफल | गोले का आयतन |
चक्रीय चतुर्भुज का चित्र | Diagram
नीचे दिए गए चित्र में देख सकते हैं की एक चतुर्भुज ABCD एक वृत के अन्दर निर्दिष्ट है. माना कि वृत की त्रिज्या R है.

किसी चक्रीय चतुर्भुज के क्षेत्रफल का सूत्र/फार्मूला
Chakriya Chaturbhuj ka Kshetrafal:- माना कि एक चक्रीय चतुर्भुज में भुजाएं a, b, c, तथा d है. अतः ब्रह्मगुप्त के सूत्र द्वारा किसी भी चक्रीय चतुर्भुज के क्षेत्रफल का सूत्र ( Area of Cyclic Quadilateral ) निकाल सकते हैं. जैसा की ऊपर के दिए चित्र में देख सकते हैं जिसमे की चतुर्भुज के भुजावों का माप दिया हुआ है. अतः

एक चक्रीय चतुर्भुज का गुणधर्म | Properties
Properties of cyclic quadrilateral:- एक चक्रीय चतुर्भुज की निम्नलिखित गुणधर्म या विशेषताए होती हैं.
- एक चक्रीय चतुर्भुज वृत पर स्थित किन्ही चार बिन्दुवों को आपस में मिलाने पर निर्मित होता है.
- वृत पर स्थित सभी बिन्दुवों को चक्रीय बिंदु कहते हैं.
- एक चक्रीय चतुर्भुज के सम्मुख कोणों का योग 180० (सम्पूरक) होता है. ∠A + ∠D = 180० तथा ∠B + ∠C = 180०
- किसी चक्रीय चतुर्भुज के किसी एक भुजा पर बना बहिष्कोण, अंतराभिमुख कोण के बराबर या सामान होता है. जैसा की नीचे दिए गए चित्र देख सकते हैं.

ऊपर दिए गए चित्र से ∠α = ∠β
- यदि किसी एक चतुर्भुज के सम्मुख कोण का योग 180० होता है, तो वह एक चक्रीय चतुर्भुज (Chakriya Chaturbhuj) होता है.
- यदि कोई चक्रीय चतुर्भुज समान्तर चतुर्भुज हो तो वह चतुर्भुज एक आयत होता है.
- एक चक्रीय चतुर्भुज के अन्तः कोणों का योग 360० होता है. ∠A + ∠B + ∠C + ∠D = 360०
सारांश – Chakriya Chaturbhuj का सम्मुख कोण, गुणधर्म
इस पोस्ट में चक्रीय चतुर्भुज से सम्बंधित जानकारी जैसे कि क्षेत्रफल का सूत्र, परिभाषा, गुणधर्म या विशेषता को बताया गया है. ऊपर दिए गए मूल जानकारियों को समझकर चक्रीय चतुर्भुज पर आधारित प्रश्नों को हल कर सकते हैं. अगर किसी विद्यार्थी को Chakriya Chaturbhuj से सम्बंधित कोई सवाल है तो कमेंट बॉक्स में पूछ सकते हैं.
विद्यार्थी गण मैथ्स, साइंस से संबधित अन्य जानकारी careerkhojo.com पर चेक कर सकते हैं.