ओम का नियम- परिभाषा, सूत्र, ग्राफ, परिपथ, सीमाए | Ohms Law in Hindi class 10

ओम का नियम – परिभाषा, सूत्र, ग्राफ, परिपथ, सीमाए

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Ohms Law in hindi:- ओम का नियम परीक्षा के दृष्टिकोण से एक महत्वपूर्ण टॉपिक है. अक्सर ओम के नियम से सम्बंधित प्रश्न जैसे कि ओम के नियम परिभाषा, ओम के नियम का सूत्र, ओम के नियम का सत्यापन, वोल्टेज और विद्युत धारा में सम्बन्ध व ग्राफ पूछे जाते है. प्रैक्टिकल परीक्षा के दौरान ओम का नियम, ओम किसका मात्रक है, ओम का नियम किस पर लागु होता है, ओम के नियम की सीमाए क्या है आदि प्रश्न पूछे जाते है. अतः परीक्षार्थियों को ओम के नियम से जुड़े सभी सम्बंधित प्रश्नों का भलीभांति तैयार कर लेना चाहिए.

Ohms law से जुड़े मूल बातों को परिभाषित किया गया अतः ध्यान से पढ़े.

ओम का नियम परिभाषा (Ohms Law definition in hindi)

ओम का नियम क्या है:- 

सन् 1827 में जर्मनी के महान वैज्ञानिक एवं प्रोफेसर जॉर्ज साइमन ओम ने किसी चालक के सिरों के मध्य उत्पन्न विभवान्तर (वोल्टेज) और चालक में प्रवाहित विद्युत धारा के बीच सम्बन्ध स्थापित किया. प्रोफेसर जॉर्ज साइमन ओम के नाम पर ही इसे ओम का नियम कहा गया.

ओम के नियम के अनुसार, ” यदि भौतिक अवस्थाएं सामान रहे या अपवर्तित रहे तब किसी बंद परिपथ में चालक के सिरों के बीच उत्पन्न विभवान्तर उस चालक में प्रवाहित धारा के समानुपाती होता है.” 

यहाँ भौतिक अवस्था से तात्पर्य है ताप, दाब, क्षेत्रफल, आर्द्रता इत्यादि.

ओम के नियम का सूत्र अथवा विभवान्तर और विद्युत धारा में सम्बन्ध 

माना कि एक बंद परिपथ है जिसमे की चालक के सिरों के बीच उत्पन्न विभवान्तर (वोल्टेज) = V

चालक में प्रवाहित विद्युत धारा = I 

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अतः ओम के नियम के अनुसार, 

V ∝ I   अथवा   I ∝ V

या, V = RI अथवा  I = V/R

विभवान्तर (V) = विद्युत धारा (I) × प्रतिरोध (R)

अतः ओम के नियम का सूत्र,  ohms-law-class-10-in-hindi

1.) अगर परिपथ में प्रवाहित धारा (I) तथा चालक के सिरों के बीच उत्पन्न विभवान्तर (V) हो तो ओम के नियमानुसार चालक का प्रतिरोध निकालने का सूत्र, 

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इस सूत्र में R चालक का प्रतिरोध जिसका मात्रक “Ω” (ओमेगा) होता है. इसके अतिरिक्त वोल्ट/एम्पियर भी इसका दूसरा SI मात्रक है.

द्रव्यमान और भार में अन्तर 

ओम के नियम पर प्रयोग या सत्यापन (Experiment or Verification on Ohm’s Law)

ओमिक प्रतिरोध के लिए वोल्टेज और विद्युत धारा के बीच संबंध:-

electric-circuit-ohms-law-in-hindi-class-10-ओम-का-नियम

जैसा कि ऊपर दिए गए चित्र में देख सकते है कि एक बंद परिपथ है जो कि एक अस्थायी बैटरी से जुदा है. परिपथ  प्रतिरोध (R) के सिरों के बीच उत्पन्न विभवान्तर (V) वोल्टमीटर तथा प्रवाहित धारा (I) अमीटर से मापा जा रहा है. 

ओम के नियम का प्रयोग:- 

➢ चरण -1:- सर्वप्रथम, परिपथ में 2 वोल्ट की एकल बैटरी को स्रोत के रूप में से जोड़ दे. फिर एक एमीटर और वोल्टमीटर की सहायता से परिपथ में प्रवाहित धारा और वोल्टेज की रीडिंग लें. (यहां मैंने उदाहरण के लिए अमीटर और वोल्टमीटर 0.5 A और 2 वोल्ट की रीडिंग ली है।)

➣ चरण -2:- अब दो बैटरियों को परिपथ जोड़ दे और उसके बाद अमीटर और वोल्टमीटर के संबंधित मानों को नोट करें।

➢ चरण -3:- अब परिपथ में क्रमशः तीन और चार बैटरियों का उपयोग करके इसी प्रक्रिया को दोहराएं. इसके बाद एक तालिका में सभी चरणों के अमीटर और वोल्टमीटर के सभी संबंधित रीडिंग को नोट कर ले. (जैसा कि आप नीचे प्रेक्षण तालिका में देख सकते हैं।)

➢ चरण -4:- सभी रीडिंग ले लेने के बाद प्रत्येक चरण में नोट किये हुए वोल्टेज और विद्युत धारा का अनुपात निकल के तालिका में लिख ले.

तालिका :- 

क्रमांक बैटरी संख्या  विभवान्तर (V) प्रवाहित धारा  (I) R = V/I
A. 1 2 V 0.5 A 4 Ω
B. 2 4 V 1 A 4 Ω
C. 3 6 V 1.5 A 4 Ω
D. 4 8 V 2 A 4 Ω

ओम के नियम के अनुसार वोल्टेज और विद्युत धारा का ग्राफ 

अब प्रेक्षण तालिका से वोल्टेज (y-अक्ष पर) तथा विद्युत धारा (x-अक्ष पर) का ग्राफ खींचिए. 

ohms-law-graph-class-10-voltage-current-graph-ओम-का-ग्राफ

1.)  वोल्टेज और विद्युत धारा के बीच का ग्राफ रेखीय होता है.

2.) वोल्टेज का परिमाण बढ़ने के साथ-साथ विद्युत धारा का परिमाण बढ़ता जायेगा.

3.) वोल्टेज और विद्युत धारा का अनुपात ओमिक चालक के लिए स्थिर रहेगा.

ओम के नियम की सीमाएं (Limitations of Ohm’s Law)

➢ ओम का नियम केवल व केवल ओमिक चालक के लिए ही लागु होता है. 

➢ ओम का नियम अर्धचालकों (डायोड और ट्रांजिस्टर) के लिए लागू नहीं होता है.

विद्युत धारा के ऊष्मीय प्रभाव के अनुसार, एक निश्चित उच्च तापमान के बाद सीधी रेखा वक्राकार हो जाती है.

भौतिक अवस्थावों (ताप, दाब, लम्बाई) में परिवर्तन होने पर ओम का नियम विफल हो जाती है.

मेंसुरेशन फार्मूला इन हिंदी पीडीऍफ़

ओम नियम से सम्बंधित कुछ सवाल 

1. एक परिपथ में डीसी बैटरी से प्रवाहित धारा 5 A है, जबकि चालक का प्रतिरोध 2.5 Ω है. चालक के सिरों के बीच उत्पन्न विभवान्तर क्या होगा? 

दिया है, I = 5 A, R = 2.5 Ω , ज्ञात करना है वोल्टेज V = ?

V = IR,

V = 5 x 2.5 = 12.5 Volt

2. एक ओम क्या होता है? 

जब चालक के सिरों के बीच उत्पन्न विभवान्तर 1 वोल्ट हो और चालक में प्रवाहित धारा 1 एम्पीयर हो, तो चालक का प्रतिरोध 1 ओम होगा।

3. किसी बंद परिपथ में चालक के सिरों के बीच उत्पन्न विभवान्तर 5 वोल्ट जबकि परिपथ में प्रवाहित धारा 0.2 एम्पीयर है, तो चालक का प्रतिरोध क्या होगा? 

दिया है, V = 5 वोल्ट, I = 0.2 A , ज्ञात करना है R = ? 

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R = 5/0.2 = 25 Ω

अंत में 

मुझे आशा है कि Ohms Law in hindi से सम्बंधित जो भी चीज़े ऊपर परिभाषित की गयी है आपको समझ में आया होगा. फिर ओम के नियम से सम्बंधित जो भी प्रश्न आपके मन में हो कमेंट कर के जरुर पूछे. Careerkhojo.com को अपने दोस्तों के साथ जरुर शेयर करे. 

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